रीवा

Rewa news, श्रीकृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी के पवित्र अवसर पर प्रदेश के 16 स्‍थानों सहित रीवा में भी धूमधाम से मनाया गया”श्रीकृष्‍ण पर्व”।

Rewa news, श्रीकृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी के पवित्र अवसर पर प्रदेश के 16 स्‍थानों सहित रीवा में भी धूमधाम से मनाया गया”श्रीकृष्‍ण पर्व”।

श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर कृष्णा राज कपूर आडिटोरियम में संपन्न हुआ एक दिवसीय रंगारंग कार्यक्रम।

 

रीवा। मध्‍यप्रदेश शासन, संस्‍कृति विभाग द्वारा श्रीकृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी के पवित्र अवसर पर भोपाल सहित मध्‍यप्रदेश के 16 स्‍थानों पर श्रीकृष्‍ण पर्व का आयोजन किया जा रहा है। कृष्णा राज कपूर सभागार में आयोजित एक दिवसीय समारोह में सोमवार को भोपाल के हरीश शर्मा एवं साथी कलाकारों ने नृत्य नाटिका श्रीकृष्ण की प्रस्तुति दी तो मुंबई के राजेश प्रसाद मिश्रा एवं साथियों ने अपनी सुमधुर आवाज में भक्ति संगीत पेशकर श्रोताओं को प्रेम और भक्ति सागर में डूबो दिया।


हरीश शर्मा के निर्देशन नृत्य नाटिका श्रीकृष्ण में 18 कलाकारों ने एक घंटे की प्रस्तुति दी। प्रस्तुति की शुरुआत में भगवान विष्णु के 10 अवतारों को दिखाया गया। उनके विराट स्वरूप के दृश्य के पश्चात मां यमुना कहानी सुनाते हुए कहती हैं, मैं और धरती ही भगवान श्रीकृष्ण की हर लीला की साक्षी हैं। सूरज ने दिन में तो चंद्रमा ने रात के समय ही उनकी लीलाएं देखी हैं। मेरे घाटों पर ही कृष्ण ने अपनी लीलाएं की हैं, चाहे गोपियों के कपड़े चोरी करना हो या कालिया मर्दन लीला हो, मैं कृष्ण की हर लीला की साक्षी हूं। मैं समय से परे हूं। अगले दृश्य में दिखाया गया कि जब भगवान कृष्ण का जन्म होता है तो मैं ही वासुदेव को रास्ता देती हूं। बधाई गीत के बाद पूतना के उद्धार प्रसंग को मंचित किया गया। भगवान श्रीकृष्ण को दूध पिलाते हुए पूतना एक राक्षसी होते हुए मातृत्व पाती हैं। अगले दृश्य में गोवर्धन लीला और रासलीला दिखाई गई।

कार्यक्रम में राजेश ने प्रस्तुति की शुरुआत गणेश वंदना से की, जिसके बोल सिद्धि विनायक है सुखकर्ता… थे। इसके बाद श्रीकृष्ण की आरती अग्निचक्र की प्रस्तुति दी, जिसके बोल ज्योत जगी, धूम मची, आ गए कृष्ण कन्हैया… थे। इस प्रस्तुति में कलाकार थाली पर अंगुली पर थाली घूमाते हुए आरती करते हैं। अगली कड़ी में श्रीकृष्ण का आव्हान करते हुए घुंघर बाल लला के मनमोहन कान्हा… गीत से भक्ति रस की धारा बहा दी। शक्ति का आव्हान करते हुए महाकाली के रौद्र रूप की स्तुति करते हुए महाकाली का खड़ग निराला… पेश किया।

प्रस्तुति में दिखाया कि भगवान शंकर महाकाली के क्रोध को शांत करने का प्रयास कर रहे हैं। महाकाली और महाकाल की स्तुति करते हुए डम-डम डमरू बाजे… गीत से माहौल को भक्तिमय बना दिया। भक्ति रस की धारा में गोते लगा रहे श्रोताओं के समक्ष उन्होंने बताया कि महारास में भगवान शंकर श्रीकृष्ण का रास देखने आते हैं, इसके बोल थे एक दिन वो भोले भंडारी..थे।

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